नई दिल्ली: दुनिया के कई देशों ने कोरोनावायरस के कहर का सामना कर रहे भारत में जीवन रक्षक दवाओं, ऑक्सीजन सिलेंडरों और अन्य मशीनों-उपकरणों की मदद भेजी है. भारत COVID-19 महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है. देश में पिछले कुछ दिनों से हर रोज कोविड के तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच रुस (Russia) से मदद सामग्री लेकर कारगो विमान बुधवार देर रात भारत पहुंचे. इन दो विमानों में 20 टन राहत सामग्री है. इनमें ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, लंग वेंटिलेटशन इक्विपमेंट, मॉनिटर्स और कोरोनावीर समेत दूसरी दवाएं शामिल हैं.
भारत में रूसी राजदूत निकोले आर. कुदाशेव ने कहा कि रूस भारत में कोरोना मामलों पर पैनी नजर बनाए हुए है. हम अपने पारंपरिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों के कारण भारतीय लोगों के साथ ईमानदारी से सहानुभूति रखते हैं, लिहाजा रूस ने कोरोना से लड़ाई में भारत की हर संभव मदद का फैसला किया है.
यही वजह है कि रूस की ओर से दो विमान अति-आवश्यक राहत सामग्री लेकर भारत पहुंचे. विमानों से कुल 20 टन सामग्री लाई गई है. इसमें ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, लंग वेंटिलेटशन इक्विपमेंट, मॉनिटर्स और कोरोनावीर समेत दूसरी दवाएं शामिल हैं.
रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन मई महीने में भारत पहुंचना शुरू हो जाएगी. भारत में इसका उत्पादन भी किया जाएगा. रूसी राजदूत ने कहा कि पिछले साल महामारी के शुरूआती दौर में भारत ने अपनी दोस्ती का परिचय देते हुए रूस को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की आपातकालीन सप्लाई की थी. हमने इसकी सराहना की थी और इस मदद को याद रखा था.
उन्होंने कहा कि मुश्किल वक्त में एक-दूसरे की मदद के जरिए ही हम लोग इस महामारी को मात दे सकते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि रूस की ओर से भेजी गई मदद कोरोना से लड़ाई में भारत सरकार के लिए लाभकारी साबित होगी.
बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी कि बीते दिन उन्होंने रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से बात की. दोनों नेताओं के बीच कोविड-19 से उत्पन्न स्थितियों पर चर्चा हुई. इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष अन्वेषण और नवीकरणीय ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की.